सरस्वती योग

जैसा की नाम से ही स्पष्ट है, जिस जातक की कुंडली में यह योग होगा, उसे माँ सरस्वती की कृपा प्राप्त होगी. हमारी वैदिक संस्कृति में कहा गया है की, यह हमें विद्या बुद्धि प्रदान करती है. अपूर्वः कोऽपि कोशोड्यं विद्यते तव भारति । व्ययतो वृद्धि मायाति क्षयमायाति सञ्चयात् ॥ अर्थात हे सरस्वती ! विद्द्यारूपी आपका खज़ाना विचित्र वा अपूर्व ( जो पहले कभी नहीं देखा गया हो ) है जो खर्च करने से वह बढता है , और संचय कर रखने से नष्ट हो जाता है। सरस्वती योग में जन्म लेने वाले जातक के विषय में ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है — “ धीमान नाटकगद्यपद्यगणना-अलंकार शास्त्रेयष्वयं | निष्णात: कविताप्रबंधनरचनाशास्त्राय पारंगत: || कीर्त्याकान्त जगत त्रयोऽतिधनिको दारात्मजैविन्त: | स्यात सारस्वतयोगजो नृपवरै : संपूजितो भाग्यवान “|| अर्थात्- जिस जातक का जन्म सरस्वती योग में हुआ है वह बुद्धिमान , नाटक , गद्य , पद्य , अलंकार शास्त्र में कुशल , काव्य आदि की रचना करने में सिद्धस्त होता है उसकी कीर्ति सम्पूर्ण संसार में होती है , वह भाग्यवान और सरकार द्वारा सम्मानित होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार...